श्वान
क्या आपने
देखा है कभी
कोई
बिना झोली का
फकीर
मैंने आज ही
देखा है उसे
फिर किसी की
चौखट के बाहर
बेसब्री से
ठंड में बैठे
इंतज़ार करते हुए
शायद कोई
डाल दे उसे
कुछ खाने को
सर्दी में
भूखा होने पर भी
इनको
रोटी के
एक टुकड़े की खातिर
करनी पड़ती है
भारी मशक्कत
खानी पड़ती हैं
दर दर की
ठोकरें
आसमाँ की
छत तले पलते हैं
इनके बच्चे
खदेड़ा जाता है
इनको
हर चौखट से
शायद
यही लिखा है
इनके मुक़द्दर में
ये हैं हमारी
गली के श्वान
जिन्हें लोग
कहते हैं
आवारा कुत्ते.
क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
जवाब देंहटाएंआशीषमय उजास से
आलोकित हो जीवन की हर दिशा
क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
जीवन का हर पथ.
आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं
सादर
डोरोथी
संवेदनशील कविता..
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