My expression in words and photography

गुरुवार, 21 मार्च 2013

अच्छे बच्चे



बीते हुए कल के वो बच्चे

भोले-भाले और सीधे-सच्चे.

लेकिन आजकल के बच्चे

चतुर-सुजान, कान के कच्चे.

हम भी तो कभी होते थे

इन्हीं की तरह बहुत अच्छे.

सब के मन को भाते हैं

वे भोले और सुन्दर बच्चे!