My expression in words and photography

मंगलवार, 12 अगस्त 2014

'आजादी'

आजादी वो नहीं
जो उड़ना चाहे
मगर उड़ न सके!
आजादी वो भी नहीं
जो उड़ने दे सिर्फ तुम्हें, लेकिन
दूसरों के पर काट डाले!
आज़ादी तो वो है
जो  उड़ने दे तुम्हें, मगर
दूसरों के साथ-साथ!
बाँटे भरपूर खुशियाँ
हम सबके दरमियाँ!
आजादी देह की ही नहीं
बल्कि मन की भी हो!
आजादी तेरी-मेरी नहीं

बल्कि जन-जन की हो! -अश्विनी रॉय 'सहर'