My expression in words and photography

सोमवार, 26 सितंबर 2011

सब का सपना

सब का सपना

यह मेरा ही नहीं
हम सब का सपना है
जब होगा सब के पास
रोटी कपडा और मकान
जियो और जीने दो पर
नहीं उठेगा कोई सवाल
जैसा अधिकार होगा
वैसा ही कर्तव्य अपना है.
यह मेरा ही नहीं
हम सब का सपना है.

जब ना लड़ेगा कोई
धर्म या जाति के नाम पर
होगा आदर मानवता का
समानता के आधार पर
वसुधैव कुटुम्बकम की
प्रथा को साकार करना है.
यह मेरा ही नहीं
हम सब का सपना है.

नहीं बंटेगी जब धरती
अलग देशों के नाम से
बनेंगे नागरिक सारे
धरा के अपने आप से
समूची दुनिया को एक
शांतिप्रिय स्थल बनना है.
यह मेरा ही नहीं
हम सब का सपना है.
























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