My expression in words and photography

शनिवार, 31 अगस्त 2013

गज़ल

वो सोने की तरह तोल रहा है
सोना नहीं प्याज तोल रहा है.
डॉलर के सामने सिसक रहा है
वो कहते हैं रूपया बोल रहा है.
गिरा है ये ओंधे मुंह फिर भी
रूपए पर हर दिल डोल रहा है.
लुटती है सरे-बाजार आजकल
अस्मत का नहीं मोल रहा है.
काला धन खामोश है लेकिन

देश के ये राज़ खोल रहा है.

शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

मेरा दोस्त


मेरा दोस्त कहीं खो गया है
आपने उसे कहीं देखा है?
मेरे साथ रहता था हर दम
खेलता, कूदता और मुस्कुराता था
न जाने अब कहाँ चला गया है!
मेरा दोस्त कहीं खो गया है
आपने उसे कहीं देखा है?
वो मेरा हमराज़ था
मुझको उस पर नाज़ था
उसका अक्स मेरे पास रह गया है!
मेरा दोस्त कहीं खो गया है
आपने उसे कहीं देखा है?
सदा सभी से मिल कर रहना
बुरा लगे तो चुपके से सहना
न जाने क्यों अब असहनीय हो गया है!
मेरा दोस्त कहीं खो गया है
आपने उसे कहीं देखा है?
जिंदगी की इस धूप-छाँव में
चल रहा हूँ अकेला छाले हैं पाँव में
ऐसा लगता है कि वो आ गया है!
मेरा दोस्त कहीं खो गया है

आपने उसे कहीं देखा है?