My expression in words and photography

सोमवार, 21 जनवरी 2013

दोस्त



जब मेरे आगे से कोई शख्स गुज़र जाता है

हर इक चेहरे में तेरा अक्स नज़र आता है.

भूलने की तो कोई शर्त हो नहीं सकती

जितना भूलूँ उसे उतना मुझे याद आता है.

दिल से निकली हुई फ़रियाद सुनी जाएगी

हादसा जो हुआ बेवक्त वो याद आता है.

तन्हाई में दिया था साथ, मैंने कल जिसका 

वो मेरा दोस्त है, अक्सर मुझे भूल जाता है.

क्या करें उससे शिकायत ज़रा बतलाओ ‘सहर’

अपना साया भी बुरे वक्त में छोड़ जाता है.

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