My expression in words and photography

शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

बच्चों के लिए


बूझो तो जानें
प्राणी जगत में मिलता यह
एक ऐसा विचित्र जीव है
जिस पर आज टिकी हुई
इस मरू-जीवन की नींव है.

मरुस्थल का जहाज़ कहलाता
हर मुश्किल आसान बनाता
रेतीली राहों पर चल कर
सब को अपनी मंजिल पहुंचाता.

सूखे के दिनों में कुछ न मिलता
कम चारे पानी पर रहता
काम मगर फिर भी यह करता
मेहनत से कभी न डरता.

अकाल से पीड़ित देहातों में
इनकी महिमा न्यारी है
इसका दूध है जीवन अमृत
जो स्वास्थ्यवर्धक गुणकारी है

4 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी साहित्य में बाल लेखन एक उपेक्षित सी विधा बन कर रह गया है.इस स्थिति में इस दिशा में कोई भी प्रयास सराहनीय है.शुभकामनायें.

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  2. बाल लेखन में सराहनीय योगदान

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  3. राजस्थान में स्कूलों में ऊंट पर निबंध लिखना सिखाया जाता है | बच्चों को यह कविता भी बहुत पसंद आएगी |

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