सबसे बड़ी सीख
चला जा रहा था मैं एक दिन
करने गांव की सैर
हुई दोपहर जंगल में फिर
नहीं जान की खैर
थोड़ी देर में आया हाथी
नहीं था मेरा कोई साथी
पहले तो कुछ दिल घबराया
बाद में फिर आगे बढ़ पाया
थोडा चलने पर रीछ मिला
उसने तो मुझ को देखा नहीं
पर मैंने उसको देख लिया
याद आई फिर एक कहानी
दो मित्रों की वही पुरानी
एक मित्र चढ़ गया पेड़ पर
दूजा गया लेट धरती पर
आया रीछ और गया सूंघ कर
दे गया सब को सन्देश नया
विश्वासघाती से बच कर रहना
नहीं कोई सीख इससे बढ़िया.
बच्चों के लिए सीख देती हुई सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएं-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
www.marmagya.blogspot.com
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंआपकी रचना पढ़ते वक़्त मुझे भी ये कहानी याद आ गयी... यादों को ताज़ा करवाने के लिए धन्यवाद.