हिन्दी
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है
सब हिन्दी में बातें करें
अब हिन्दी में ही लिखा करें.
प्राचीनतम यहाँ सभ्यता
विविधता में जहां एकता
दुनियां में इस का नाम है
यह मेरा देश महान है.
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है.
हम यूं बोलते कई बोलियाँ
फिर भी दूरियाँ हैं दरमियाँ
लोगों को अपने ये जोड़ती
यही एकता की मिसाल है.
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है.
आजाद हम और देश आज़ाद
मिलकर कहें सब जिंदाबाद
हिन्दी में सब की आन है
हिन्दी से सब की शान है.
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है.
गूंजेगी अब यह चारों ओर
आएगी लेकर नई सी भोर
हर जगह चर्चा ये आम है
अब हिन्दी सुबहो-शाम है.
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है.
हिन्दी दिलों को जोड़ती
मुल्कों की सरहदें तोड़ती
हिन्दी से अदभुत शान है
जो हिन्द की पहचान है.
भारत की एक जुबान है
यह मेरे देश की शान है.
आओ हिन्दी में बातें करें
अब हिन्दी में ही लिखा करें.
मातृभाषा के ममत्व का कृतज्ञ अभिनंदन करने वाला वह हर हृदय साधुवाद का पात्र है जिसमें ऐसा भाव पुष्पित-पल्लवित होता है!
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है आपने| हिंदी की जय हो!
जवाब देंहटाएंअश्विनी जी ,
जवाब देंहटाएंराष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति आपके उदगार पढकर आपको नमन करता हूँ !
जिस दिन हम सभी एकजुट होकर हिंदी को अपना लेंगे उस दिन हिंदी को उसका सम्मान प्राप्त हो जाएगा जिसकी वो हकदार है!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
प्रिय अश्विनी जी
जवाब देंहटाएंहिन्दी भाषा के प्रचार के लिए आपने जो कविता लिखी है वह बहुत ही अचछी है. अगर हर कोई इस तरह हिन्दी का प्रचार करने लगे तो जल्द ही पुरे देश मे हिन्दी वोली और पढी जा पाएगी. एक सुन्दर कविता और मातृभाषा के प्रति आपका आदर देख कर अच्छा लगा. सुन्दर कविता के लिए आपको बधाई.
चन्द्रकान्त शिन्दे
आपने मेरे ब्लॉग पर दस्तक दी।
जवाब देंहटाएंआभार।
हिन्दी पर आपने शानदार रचना लिखी है। बधाई एवं शुभकामनाएँ।
बन्धुवर हिन्दी में सरकारी विभागों के अफसर काम नहीं करते हैं, बल्कि हिन्दी में काम करने में शर्म का अनुभव करते हैं। जिसके परिणाम हम सबको भुगतने पड रहे हैं।
आप चाहें तो मेरे निम्न दो आलेख पढ सकते हैं :-
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_3454.html
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_8383.html
शुभकामनाओं सहित।
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'