My expression in words and photography

गुरुवार, 20 मार्च 2014

अभी रास्ते में हूँ !


कहता है आ रहा हूँ
अभी रास्ते में हूँ!
बिस्तर पर लेटा है
नींद में खोया है
जी भर के सोया है
“थोडा और सो लेता हूँ”
इतने में घंटी बजती है
हेलो, आ रहा हूँ मैं
अभी रास्ते में हूँ!
घड़ी में दस बज गए
दफ्तर में देर हो गई
जल्दी से तैयार होना है
अभी नाश्ता भी करना है
अचानक घंटी बजती है
“ऑफिस नहीं आ रहे क्या?”
“बोला आ ही तो रहा हूँ
अभी रास्ते में हूँ!”
जल्दी में शेव नहीं की
रास्ते में हेयर ड्रेसर था
सोचा शेव करवा लेता हूँ
थोड़ी देर ही तो लगेगी
तभी घंटी बजने लगी
“हेलो, एक जरूरी काम है
कहाँ पर मिलेंगे आप?”
“एक जरूरी मीटिंग में हूँ
बाद में बात करता हूँ!”
ये मोबाइल भी बेकार है
काम करने ही नहीं देता
जब देखो बज उठता है
कुछ तो कहना ही पडेगा
“हर बार झूठ बोलता हूँ”
आपको क्या जल्दी है?
“मैं जल्दी आ रहा हूँ
हेलो, अभी रास्ते में हूँ!”

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