सर्दी में नया साल
नए साल ने दरवाजे पर दस्तक कुछ ऐसे दी है
सब लोग हैं परेशाँ कि हर तरफ भीषण सर्दी है.
मौसमे सर्दी में तो लुभाते हैं अखरोट और बादाम
मगर महँगाई से है त्रस्त यहाँ पर हर खासो-आम.
यूँ तो ज़मीं पर गर्मी बढ़ने का खतरा मंडराया है
मगर इस ठण्ड ने तो सारी दुनिया को जमाया है.
गर्मियों में तो हो जाता है हर हाल में गुज़ारा
लेकिन नहीं है कोई ठण्ड में ग़रीबों का सहारा.
गए साल में तो रह गईं बहुत सी उम्मीदें अधूरी
मालूम नहीं इस साल में वो सब कैसे होंगी पूरी.
न रहे कोई कमी हर शख्स की मुरादें पूरी करना
ऐ खुदा अपनी रहमत से सबकी झोलियाँ भरना.
भगवान सब की मुरादें पूरी करे यही हमारी कमाना है| धन्यवाद|
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