My expression in words and photography

मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

बातां ऊंटा री!

बातां ऊंटा री हो, बातां ऊंटा री!
जावो कठी थे इण ने भूल सके न कोई
बातां ऊंटा री हो! बातां ऊंटा री!
सुणूला मैं बातां, ऊंटा री न्यारी-न्यारी
बातां ऊंटा री हो! बातां ऊंटा री!

सवारी ऊंटा री हो, सवारी ऊंटा री
सबसूं  निराली है, ये जाने दुनिया सारी
सवारी ऊंटा री हो, सवारी ऊंटा री!
म्हारो मन तरसे, हो म्हारो मन तरसे
मैं भी करूंला आंगी सवारी, हो सवारी
सवारी ऊंटा री हो, सवारी ऊंटा री!

सारा जग जाणे हो, सारा जग जाणे
ऊंटनी रो दूध, कितना होवे गुणकारी
म्हारे मन भावे, हो म्हारे मन भावे!
ऊंटनी रे दूध सूं बने है बढ़िया मिठाई
सारा जग खावे, हो सबके मन भावे
ऊंटनी रा दूध, है बहुत ही गुणकारी! 

ताकत ऊंटा री हो, ताकत ऊंटा री
बोझ उठावे ओ तो सबसूं ही भारी.
म्हारो मन बोले, हो भेद ये सब खोले
बातां ऊंटा री हो, बातां ऊंटा री!
जाणे है ये दुनिया, म्हारा मन भी ओ बोले

बातां ऊंटा री हो, बातां ऊंटा री!

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