My expression in words and photography

गुरुवार, 17 जुलाई 2014

बात पते की-

यह सच है कि
नज़दीक के रिश्ते दूर
और दूर के रिश्ते
नज़दीक लगते हैं.
मगर ये भी सच है कि
दूर का रिश्तेदार
बात ही नहीं करता.
जबकि नज़दीक का रिश्तेदार
बहुत काम आता है! –अश्विनी रॉय ‘सहर’

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