My expression in words and photography

मंगलवार, 15 मार्च 2011

मोबाइल

मोबाइल की अहमियत
शायद ही कोई ऐसा स्थान होगा जहाँ आपको इनकी उपस्थिति का एहसास ऍम पी थ्री रिंगटोन, किसी गीत के मुखड़े या फिर केवल झनझनाहट के माध्यम से न हो जाता हो. मोबाइल की घंटी ऐसी है कि जो बजने के लिए स्थान या अवसर का चयन नहीं करती. उसे तो बस बजना है...कहीं भी और किसी भी अवसर पर. अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात है कि मुझे किसी की मृत्यु के अवसर पर संवेदना प्रकट करने के लिए जाना पड़ा. इस अवसर पर बहुत से लोग एकत्रित थे. अचानक ही किसी की जेब से पॉप संगीत की स्वर लहरी गूंजने लगी और ग़मगीन माहौल में मानो अजीब सी स्तब्धता छा गई. आनन-फानन में जैसे ही मोबाइल शान्त हुआ तो स्थिति में सुधार आया. मेरे मित्र इस यन्त्र के बड़े शौकीन हैं. वे हर समय इसे किसी न किसी बहाने बस मचकाते ही रहते हैं. कभी एस ऍम एस पढ़ने के बहाने तो कभी इन्हें मित्रों को भेजने के लिए....बस हर दम लगे ही रहते हैं जनाब इस निरन्तर क्रिया में ! जब यह काम नहीं होता तो वो संगीत का आनंद लेने लगते हैं.

आजकल का मोबाइल केवल चल दूरभाष यन्त्र ही तो नहीं रह गया है. आप इससे कई अन्य विविध कार्य जैसे टीवी देखना, ई-मेल भेजना, अन्तर्जाल से चेटिंग और वेब सर्फिंग व डाटा डाउन लोड करने जैसे कार्य भी सुगमता से कर सकते हैं. मोबाइल में आप अपने लेख एवं अन्य दस्तावेज़ भी सुरक्षित रख सकते हैं. यह अपने आप में एक केमरा भी है जिससे लिए गए चित्रों को आप अपनी यादगार के लिए रखने के साथ साथ अपने मित्रों को प्रेषित भी कर सकते हैं. मोबाइल में आजकल सोशल नेटवर्किंग द्वारा बहुत कम खर्च में किसी भी समय मित्रों एवं सम्बन्धियों से संपर्क साधा जा सकता है. आजकल मोबाइल ग्लोबल पोजीशानिंग प्रणाली से जुड़े होने के कारण आपकी वर्तमान स्थिति का सटीक आकलन कर सकते हैं. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मोबाइल के आने से आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मानों क्रान्ति सी आ गई है.

मोबाइल विभिन्न आकार एवं प्रकार के हो सकते हैं. कुछ लोगों के लिए मोबाइल आवश्यकता है तो अन्य सब के लिए यह मात्र स्टेटस सिम्बल बन कर रह गया है. अतः इनकी कीमत की भी कोई सीमा नहीं होती. बर्तन साफ करने वाली बाई, ढूध व सब्जियाँ बेचने वाले व्यापारी, गलियों में फेरी लगा कर सामान बेचने वाले, हर तरह के डीलर, दफ्तरों में काम करने वाले लोग, मिल मालिक, नौकर, पुलिस, नेता, लेखक, मंदिर के पुजारी.....कोई भी तो ऐसा नहीं है जो इसका उपयोग न करता हो.

मोबाइल के आने से लोगों ने घड़ी का इस्तेमाल लगभग बंद ही कर दिया है क्योंकि इसमें समय देखने के साथ साथ अलार्म एवं स्टॉप वाच के विकल्प मौजूद होते हैं. मोबाइल के कारण लोगों ने आजकल पत्र लिखना लगभग बंद ही कर दिया है. अपने सन्देश या तो वे एस ऍम एस द्वारा या फिर दूरभाष से प्रेषित कर देते हैं. अब लोग घर से बाहर निकलते समय मोबाइल अपने साथ रखना नहीं भूलते. सफर में कही जाएँ तो थोड़ी थोड़ी देर बाद अपने घर कॉल करते हुए मानों आँखों देखा हाल सुनाते रहते हैं.

कुछ लोग तो कॉल के पैसे बचाने के लिए मिस कॉल का भी सहारा लेते हैं. उनके घर वालों को मालूम है कि एक मिस कॉल का क्या मतलब है और दो मिस कॉल आने से क्या अभिप्रायः है. कुछ लोग अपने दोस्तों को कॉल वेटिंग के समय बिल्कुल भी बोर होते नहीं देखना चाहते क्योंकि कॉलर ट्यून की सुविधा इस अवधि के दौरान इनके मित्रों को सुरीला गीत सुना देती है. कई लोग तो केवल इस लिए मिस कॉल देते हैं ताकि उनका कॉल पर कोई खर्च न आये. अगर मिस कॉल पाने वाले को आवश्यकता होगी तो वह स्वयं ही कॉल बेक करके बात कर लेगा.

इसमें कोई शक नहीं के इस यन्त्र के बहुत से लाभ हैं परन्तु कभी कभी ये अपरिमित नुक्सान का कारण भी हो सकते हैं. अगर आपने किसी को सोते समय नींद से उठाकर बात करनी चाही तो उसका प्रकोप झेलना पड सकता है. इसी तरह किसी मीटिंग या गोष्ठी में इसकी घंटी बजने से अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न होता है. अगर शौचालय में रहते हुए घंटी बजने लगे तो बहुत ही बुरा लगता है. अगर आप किसी की अंत्येष्टि में भाग ले रहे हों तो वहाँ इसके बजने से माहौल खराब होने लगता है. न तो कॉल स्वीकार कर सकते हैं और न ही घंटी बजते हुए ही छोड़ सकते हैं.

अगर आप छुट्टियाँ मनाने के लिए बाहर हैं तो ऐसे में आपके बॉस की घंटी आपका जायका बिगाड़ने के लिए काफी है. कई बार तो बॉस मोबाइल पर ही अपने कर्मचारियों को डांटने लगता है. ऐसी स्थिति में कोई भी ईश्वर से कह उठता है कि काश ये मोबाइल ही न होता तो कितना अच्छा था ! कभी कभी कोई कॉलर सामने वाले व्यक्ति को जाने बिना ही अपनी बात कहने लगता है जैसे उसे मालूम हो कि वह वांछित मित्र से ही बात कर रहा है. जब वह अजनबी व्यक्ति बाद में बताता है कि मैं वो नहीं जिससे आपको बात करनी है, तो बड़ी हास्यास्पद स्थिति बन जाती है.

मोबाइल पर अपनी पहचान बताते हुए कॉलर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करके ही बात आगे बढानी चाहिए. मोबाइल पर कभी भी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर कॉल प्राप्तकर्ता द्वारा इसे रिकोर्ड कर लिया गया तो बड़ी शर्मिन्दगी हो सकती है.

मोबाइल के आने से कई लोगों को झूठ बोलने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आने लगा है. अगर इनसे कोई पूछे कि आप इस वक्त कहाँ हैं तो ये घर पर होते हुए भी बाहर होने की बात करते हैं. अपने शहर में रहते हुए कहेंगे कि वे इस समय शहर से बाहर हैं. ऐसा करना किसी भी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता. अगर आपको ऐसा झूठ बोलते हुए आपके बच्चे सुन लें तो आप उनकी नज़रों में भी गिर सकते हैं. मोबाइल पर झूठ बोलना भले ही कोई पकड़ न पाए किन्तु यह आपको अपनी ही नज़र में गिराने के लिए तो पर्याप्त है.

मोबाइल की सहायता से अपराधी तत्व नए नए अपराधों को अंजाम देने में लगे हैं. अतः जब भी आपका मोबाइल गुम हो जाए तो तुरन्त इसकी रिपोर्ट पुलिस स्टेशन पर दें ताकि आप किसी भी बिन बुलाई मुसीबत से स्वयं को बचा सकें. आप जब भी अपने कार्य स्थल पर जाएँ तो मोबाइल को वाइब्रेशन मोड पर अर्थात चुपचाप रखें. यदि कार्यालय में रहते हुए कोई कॉल आ भी जाए तो तुरन्त बाहर एकांत स्थान पर जा कर ही इसे सुनना चाहिए. कई लोग फ़िल्मी गीतों की रिंग टोन बना कर ऊँचे स्वर में बजने देते हैं जो उचित नहीं है. सरकारी समारोहों में भाषणों के समय मोबाइल को शान्त स्थिति में रखना चाहिए. कक्षा में या किसी मीटिंग में भाग लेते समय मोबाइल का प्रयोग करना अभद्र व्यवहार की श्रेणी में आता है.

कुछ लोग मोबाइल में ऊंचे स्वर में बात करते हैं जो सही नहीं है. मोबाइल से बात करते समय अपनी आवाज केवल उतनी रखे जितनी कॉलर को सुनाने के लिए पर्याप्त हो. यदि मोबाइल पर बात करने के लिए स्थान व समय उपयुक्त न हो तो कॉलर को शालीनता से किसी अन्य समय पर बात करने के लिए निवेदन करना उचित रहता है. अगर किसी को आपसे बात करने में संकोच हो तो यथा सँभव ऐसे व्यक्ति से बात करने से बचना चाहिए. अगर आवश्यक न हो तो अपना मोबाइल नंबर हर किसी व्यक्ति को देने से परहेज़ करना चाहिए.
विचारणीय है कि मोबाइल जैसा यन्त्र मानव के लिए अत्यंत उपयोगी है बशर्ते इसका कोई दुरूपयोग न किया जाए. यदि इसे सीमित समय के लिए केवल आवश्यक होने पर ही उपयोग करें तो यह बातचीत करने एवं अपनी कार्यकुशलता में सुधार लाने हेतु एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

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