मेरी हर सांस में हो गुम
जिंदगी की हर धडकन में हो तुम
जीने की हर वजह हो तुम
फिर क्यों भटक रहा हूँ
मैं तेरी तलाश में
जानता हूँ ये कि
तुम कहीं आस-पास हो
न जाने किस बात पर
मुझसे नाराज़ हो
आ जाओ अब तो सामने
कहीं इतनी न देर हो
तुम हो करीब मेरे
और मैं ही न रहूँ!
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