"सच्ची बात कही थी मैंने
लोगों ने सूली पे चढ़ाया
मुझको ज़हर का जाम पिलाया
फिर भी उनको चैन ना आया
सच्ची बात कही थी मैंने!"
जी हाँ, ऐसा ही कुछ
एम.एस.जी. फिल्म में हुआ है. सच्ची बात किसे कड़वी नहीं लगती? फिर चाहे वह सेंसर
बोर्ड ही क्यों न हो! फिल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्षा ने सरकारी दखलंदाजी का कारण
बताते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उल्लेखनीय है कि एम.एस.जी. फिल्म को
सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया था. ये वही बोर्ड है जिसे ‘पी.के.’ फिल्म में तो कुछ
भी आपत्तिजनक नहीं लगा परन्तु ‘एम.एस.जी.’ को सेंसर कर दिया. ये फिल्म डेरा प्रमुख
राम रहीम सिंह इन्सां द्वारा निर्देशित है जिसका विरोध देश के सिख संगठन एवं कई
राजनेता कर रहे हैं. परन्तु अब तक किसी भी दल ने इस विरोध की कोई खास वजह नहीं
बताई.
ये हैरानी की बात है कि
उस ‘पी.के.’ फिल्म को पास करने में सेंसर ने कोई देर नहीं लगाईं जिसमें हिन्दू
धर्म को ठेस पहुंचाने वाले कई दृश्य डाले गए हैं. एक दृश्य में फिल्म का नायक
हिन्दू देवताओं के चित्रों पर ‘लापता’ लिख कर इधर-उधर घूमता दिखाई देता है. वह
मंदिर जा कर गल्ले से रूपए निकाल लेता है. फिल्म का नायक एक महिला को कंडोम का पेकेट
भी दिखाता है जो अत्यंत अपमानजनक दृश्य है. ये वही नायक हैं जो टी.वी. में अक्सर महिलाओं
के उत्पीडन पर विरोध प्रदर्शित करता है परन्तु अपनी फिल्म में उनका अपमान करने से
बाज़ नहीं आता.
इस फिल्म का नायक अपने
नंगेपन की सफाई भी बड़ी बेशर्मी से उचित ठहराते हुए कहता है कि जब कौवे वस्त्र नहीं
पहनते तो मनुष्यों के लिए यह क्यों आवश्यक है? फिल्म में कारों के अंदर सेक्स करते
हुए दिखाया है जिसपर सेंसर को कोई एतराज़ नहीं हुआ. ये वही सेंसर बोर्ड है जो
सिगरेट पीने के दृश्य में वैधानिक चेतावनी छापने की बात करता है परन्तु इस फिल्म
में नायक के नंगे होने, पूजा स्थल पर चोरी करने, नारी को अपमानित करने, देवताओं को
बे-इज्ज़त करने तथा सेक्स करते हुए लोगों के वस्त्र चुराने वाले दृश्यों पर न तो
कोई आपत्ति करता है और न ही चेतावनी छापने की सलाह देता है.
इन लोगों को एम.एस.जी.
जैसी साधारण फिल्म पर आपत्ति क्यों है, ये समझ से परे है. ऐसे भेदभावपूर्ण सोच
रखने वाले लोगों को सेंसर बोर्ड में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए. अगर इन्होंने
इस्तीफा दे दिया है तो अच्छा ही है. इनके स्थान पर ईमानदार अध्यक्ष तथा अन्य
सदस्यों की नियुक्ति होनी चाहिए जो पूर्ण पारदर्शिता से अपना काम करे.
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