यथार्थ
दुनिया सिंधु महान्
मानव बूँद समान.
आम
आम
आजकल नहीं रहा आम
क्योंकि
खास लोग ही
अब खाते हैं
आम.
कल और आज
कल तक
माँ-बाप ही थे
दौलत
आज
दौलत हो गई है
माँ-बाप.
दुनिया सिंधु महान्
मानव बूँद समान.
आम
आम
आजकल नहीं रहा आम
क्योंकि
खास लोग ही
अब खाते हैं
आम.
कल और आज
कल तक
माँ-बाप ही थे
दौलत
आज
दौलत हो गई है
माँ-बाप.
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