लोग समझते हैं कि
बुजुर्गों की सोच अलग है
उनकी अपनी सोच से
दोनों में फासला है
एक पीढ़ी का
शायद इसीलिए
अपने बुजुर्गों का
वे आदर नहीं करते.
न जाने वही बुजुर्ग
मुझे इतने अच्छे
क्यूं लगते हैं?
इनकी किसी भी बात पर
गुस्सा नहीं आता.
अनायास ही मैं कल
एक बुजुर्ग से टकरा गया.
हालांकि गलती उनकी थी
फिर भी कुछ न कह पाया
बस मुस्कुरा कर रह गया.
शाम को देखा पार्क में फिर
दो बुजुर्गों को बतियाते हुए
सुना रहे थे शायद
अपनी कथा-व्यथा
एक दूसरे को.
हल्की सी मुस्कान दौड गई
मेरे चेहरे पर
जब मैंने बड़ी हसरत से
देखा एक टक
उन दोनों की ओर क्योंकि
चलता नहीं किसी का
यहाँ वृद्धावस्था पर जोर.
सुबह सुबह देखा मैंने
फिर एक बुजुर्ग को
छोटे से बच्चे के साथ
घास पर टहलते हुए.
मन ही मन
खुश हो रहा था मैं
क्योंकि वर्तमान ने
देख लिया था आज
अपना बीता हुआ कल
और आने वाला कल !