ये न सूझें तो
ठहर सी जाती है
मेरी नब्ज़
इनके आने से
महकती है
मेरी जिंदगी
ये ही तो बोलते हैं
मेरे भीतर
इनके बगैर
किस काम का
ये बेजुबान शख्स
सोचता हूँ जब भी
कोई बात मैं
तो उभरते हैं जेहन में
न जाने कितने अक्स
झांकता हूँ जब भी
मैं अपने माजी में
दीखते हैं हर सूं
ये जज्बाती लफ्ज़
न लिखूं तो
बेचैन करते हैं
लिखने ही से तो
दिल को करार आता है
लफ़्ज़ों की तखलीक से
हाले-दिल बयाँ होता है
लफ्ज़ देते हैं दस्तक
जब मेरे माज़ी को
तो राहे-मुस्तकबिल का
खाका तैयार होता है
लफ्ज़ तय करते हैं
लंबी दूरियां
दो दिलों को
ये करीब लाते हैं
लफ्जों में छुपा है
एक अहसासे-मोहब्बत
जो टूटे दिलों को भी
जोड़ देता है
लफ्जों की कारीगरी
का कोई जवाब नहीं
इन से
हर शय है खूबसूरत
और बेमिसाल
अहले-दुनिया में !
ठहर सी जाती है
मेरी नब्ज़
इनके आने से
महकती है
मेरी जिंदगी
ये ही तो बोलते हैं
मेरे भीतर
इनके बगैर
किस काम का
ये बेजुबान शख्स
सोचता हूँ जब भी
कोई बात मैं
तो उभरते हैं जेहन में
न जाने कितने अक्स
झांकता हूँ जब भी
मैं अपने माजी में
दीखते हैं हर सूं
ये जज्बाती लफ्ज़
न लिखूं तो
बेचैन करते हैं
लिखने ही से तो
दिल को करार आता है
लफ़्ज़ों की तखलीक से
हाले-दिल बयाँ होता है
लफ्ज़ देते हैं दस्तक
जब मेरे माज़ी को
तो राहे-मुस्तकबिल का
खाका तैयार होता है
लफ्ज़ तय करते हैं
लंबी दूरियां
दो दिलों को
ये करीब लाते हैं
लफ्जों में छुपा है
एक अहसासे-मोहब्बत
जो टूटे दिलों को भी
जोड़ देता है
लफ्जों की कारीगरी
का कोई जवाब नहीं
इन से
हर शय है खूबसूरत
और बेमिसाल
अहले-दुनिया में !
behad khubsurat kavita...ek ek shabd kuchh kahta huaa..
जवाब देंहटाएंawsom BLOG.. :)
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