tag:blogger.com,1999:blog-3567043388719871673.post8633608761871263319..comments2023-03-18T17:49:05.984+05:30Comments on अपनी बोली Apni Boli: आतंकवादअश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Royhttp://www.blogger.com/profile/01550476515930953270noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3567043388719871673.post-25313277006582428442010-12-10T13:30:30.728+05:302010-12-10T13:30:30.728+05:30जौहर साहेब और मुदिता जी,
आपको कविता पसन्द आई इसके...जौहर साहेब और मुदिता जी, <br />आपको कविता पसन्द आई इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. ईश्वर न करे कि जिन परिस्थितयों यह कविता लिखी गई थी वे दोबारा कभी भी आएं.अश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Royhttps://www.blogger.com/profile/01550476515930953270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3567043388719871673.post-11163582192752845352010-12-09T21:12:00.688+05:302010-12-09T21:12:00.688+05:30अश्वनी कुमार रॉय जी,नमस्कारम्!एक लम्बे अरसे के बा...अश्वनी कुमार रॉय जी,<br>नमस्कारम्!<br>एक लम्बे अरसे के बाद आ पाया हूँ यहाँ पर...!<br><br>इस रचना में समसामयिकता का धर्म निभाने के लिए धन्यवाद!<br><br>हर दहशत-गर्द क़त्ल करने से पहले अपने ज़मीर का क़त्ल कर चुका होता है...इस प्रकार वह एक क़त्ल करने पर दो हत्याओं का अपराधी होता है।<br><br>...और यदि इससे भी आगे बढ़कर विचार किया जाए, तो उसका अपराध सिर्फ़ दो हत्याओं तक ही सीमित नहीं किया जा सकता; वह किसी माँ की गोद सूनी कर बैठता है, किसी बहन का भाई छीन लेता है...तो किसी पत्नी की माँग का सिंदूर पोंछ ले जाता है।<br><br>इस रचना ने मेरे चिंतन को कुरेद दिया है...अब लगता है कि शाम तक इस विषय पर कुछ मैं भी लिखूँ...पोस्ट न सही, तो डायरी में ही सही!जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauharhttp://www.blogger.com/profile/06480314166015091329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3567043388719871673.post-67219008570689399392010-12-09T23:17:43.876+05:302010-12-09T23:17:43.876+05:30अश्विनी जी ...उसे नहीं मालूम किकैसी दिखाई देगीये व...अश्विनी जी ...<br><br>उसे नहीं मालूम कि<br>कैसी दिखाई देगी<br>ये वहशत<br>ज़िंदगी के आईने में...?<br>शायद<br>इसी गफ़लत में<br>वह फैलाता<br>जा रहा है<br>दहशत-पर-दहश्त ! <br><br>सटीक प्रस्तुति....ज़मीर को मार कर ही कोई इस तरह वहशत का गुलाम बन पाता है.... शब्दों का खूबसूरत प्रयोग...मुदिताhttp://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.com